लहरों से चलना सीखा हैं।
लहरों से चलना सीखा हैं। वक़्त के पैमानें से आगे बढ़ने का जूनून अभी बाकि है मुझमे , ज़माने का ज़माने से रुबरु करने का हौंसला बाकि है मुझमे , तुझमे इतना ताक़त नहीं की मुझपे काबू कर सके, मैंने लहरों से चलना सीखा हैं। चंद काँटों से तूम मुझे डराओगे क्या, ये काँटे तो मेरे हमसफ़र जैसे हैं। जिस माया के भवंडर में तूम मुझे घेर रहे हों , वो सूनामी तो मेरे मन के भीतर ही हर दिन दस्तक देता हैं। अब ना रुकेंगे ये पैर मेरे, तूम ये कभी न रोक पाओगे । हर कदम एक कामयाबी बनेगी , इस ज़माने में एक कहानी बनेगी। अभी भी , है हिम्मत मुझमे, वक़्त के पैमानें से आगे बढ़ने का जूनून अभी बाकि है मुझमे , ज़माने का ज़माने से रुबरु करने का हौंसला बाकि है मुझमे , तुझमे इतना ताक़त नहीं की मुझे काबू कर सके, मैंने लहरों से चलना सीखा हैं। दूर रखा था तुमने मुझे - खुद को खुद से , अँधेरा ही अँधेरा था मेरे दिए गए नसीब में, किया था कब्ज़ा तुमने उन हवाओ पर भी, रोकना चाहा था तुमने उस उफनते सागर को भी, जिस घेरे में...