ये चाँद खफा है मुझसे
ये चाँद खफा है मुझसे
सितारों के गांव में
जो अकेले अकेले ही रहता था
कुछ दिनों तक साथ था
कुछ पलो में बेगाना किया
ये चाँद खफा है मुझसे
ये रौशनी भी उसकी है
जो मेरे राहों को रौशन कर रहा था
कुछ दिनों तक उसकी चाँदनी मेरे साथ थी
कुछ पलों में मेरे घर में अँधेरा किया
ये चाँद खफा है मुझसे
जब उसकी रौशनी उससे अलग होगी
उसके सितारे जब उससे बेगाने होंगे
जब वो मेरे पास आएगा
तब
तब उससे कहूँगा
ए चाँद
तू तो खफा है मुझसे
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