ऐ जिंदगी कोई तो इशारा दे
ऐ जिंदगी कोई तो इशारा दे
बस जीने का सहारा दे
फँसा हूँ जिंदगी के इस भंवर में
निकलना मुश्किल है
फिर भी
ऐ जिंदगी तू कोई तो किनारा दे।
भले लाख कोशिशे करे किस्मत
यूँ तू तो मुँह मत मोड़ अपना
अभी भी जान बाकि है मुझमे
अभी भी तुझसे लड़ने का जज्बा बाकि है मुझमे
ऐ जिंदगी
तू तो यूँ मुझे
यूँ बिच मझधार में न छोड़
बस जीने का सहारा दे
फँसा हूँ जिंदगी के इस भंवर में
निकलना मुश्किल है
फिर भी
ऐ जिंदगी तू कोई तो किनारा दे।
Waah! Bahut behatreen likha hai tumne..Thank you so much!
ReplyDeleteyou are welcome .....
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