ये जिंदगी का कौन सा मोड़ आ गया हैं
ये जिंदगी का कौन सा मोड़ आ गया हैं
ये जिंदगी का कौन सा मोड़ आ गया हैं
ना आगे मंजिल हैं
ना पीछे मेरी परछाई हैं
बस समय की इस नाव पे
सवारी करते जा रहे हैं।
ये जिंदगी का कौन सा मोड़ आ गया हैं
ना क़िस्मत मेरे साथ हैं
ना ही मैं क़िस्मत के साथ हूँ
बस समय के इस भूल भुलैया में
और गुम होते जा रहे हैं।
ये जिंदगी का कौन सा मोड़ आ गया हैं
जो एक जीने का सहारा था
वो भी हमसे ख़फ़ा हो गया हैं
हम तो हम ही है
बस वक़्त ही कुछ और हो गया है
ये जिंदगी का कौन सा मोड़ आ गया हैं
माया की ऐसे माया जाल में फंसे है
की आगे धुंध ही धुंध दिखाई दे रहा है
रास्ते बदले तो कुछ और बात है ,
पर अगर मंजिल ही छीन जाये तो
और क़्या कह सकते हैं
बस यू ही वक़्त काटे जा रहे हैं।
ये जिंदगी का कौन सा मोड़ आ गया हैं
ना आगे मंजिल हैं
ना पीछे मेरी परछाई हैं
बस समय की इस नाव पे
सवारी करते जा रहे हैं।
ये जिंदगी का कौन सा मोड़ आ गया हैं
ना क़िस्मत मेरे साथ हैं
ना ही मैं क़िस्मत के साथ हूँ
बस समय के इस भूल भुलैया में
और गुम होते जा रहे हैं।
ये जिंदगी का कौन सा मोड़ आ गया हैं
जो एक जीने का सहारा था
वो भी हमसे ख़फ़ा हो गया हैं
हम तो हम ही है
बस वक़्त ही कुछ और हो गया है
ये जिंदगी का कौन सा मोड़ आ गया हैं
माया की ऐसे माया जाल में फंसे है
की आगे धुंध ही धुंध दिखाई दे रहा है
रास्ते बदले तो कुछ और बात है ,
पर अगर मंजिल ही छीन जाये तो
और क़्या कह सकते हैं
बस यू ही वक़्त काटे जा रहे हैं।
Comments
Post a Comment