पर मैं रुका नही
पर मैं रुका नही
तुमने मुझे रोका,
उसने मुझे रोका,
पर मैं रुका नही,
इस दुनिया के सामने झुका नही,
अकेले ही चला था मैं,
अपनी किस्मत के आगे खड़ा था मैं,
कई ठोकरों से सामना हुआ
पर मैं रुका नही,
इस दुनिया के आगे झुका नही
जिंदगी के उस मुकाम पर आ गया हूं
जहा से लौटना आसान नही
कदम तो आगे बढा दिया हु
जहा से पीछे खींचना आसान नही
यू ही भागते भागते
खुद को पीछे छोड़ आया हु
जहा से अपने आप को पाना आसान नही
दो नावो की सवारी कर रहा हु
जहा डूबने से बचना मुमकिन नही
एक तरफ मेरे सपने है, दूसरी तरफ मेरी दुनिया
अपने सपनो को हर कदम पर पूरा करते
मैं कभी रुका नही
इस दुनिया के सामने झुका नही
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