थम जा , अब और नहीं
थम जा , अब और नहीं
रास्ते अनजान हैं
गलियां भी सुनसान है
चारो तरफ धुंध ही धुंध है
कैसे पहचानू मैं
अपनी उस मंजिल को
अब तो बस यही कहना है अपने आप से
थम जा, अब और नहीं
बहुत पहले ही
मै तुम्हें खो चूका हु
खो चूका हु अपने आप को
इस अनजाने भीड़ में
अनजानी दुनिया में
कैसे ढूँढू अपने आप को
अब तो बस यही कहना है अपने आप से
थम जा , अब और नहीं
कहते है,
भागने का नाम जिंदगी है
जिसकी ना कोई मंजिल है
ना ही कोई वजूद
इस अनजानी भागदौड़ में
कब से दौड़ रहा हु मैं
अब तो बस यही कहना है अपने आप से
थम जा , अब और नहीं
Behtarin Sunil ...
ReplyDeleteTumne Itne Dino se ye talent kyu chupa rakha tha
Awesome
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